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About This Blog
This blog contains poems written by me on different topics and with different essence everytime, along with photographs shot by me during various trips in India and UK containing macros, sceneries, urban and rural shots, I hope this blog will serve you with a range of variety and you will enjoy my work.
राह मैं यूँ बढ़ता जा रहा हूँ
I have Clicked some shots of very lovely Puppies,,,,I hope you will really enjoy them.....
Exclusive series can be seen at http://trekktheworld.blogspot.com/
मेहताब में फूल खिल गया जैसे
मुझे ओ हमदम तू मिल गया ऐसे
शोखियाँ घटाओं की अब बेढंग लगा करती हैं
गुलशन मैं कलियाँ भी बेरंग लगा करती हैं
सागर की मौजों मैं अब वो मज़ा नहीं
तेरे आने से इनका नूर छिन गया जैसे
चांदनी भी हमसे नज़र चुराती है
मेरे महबूब के हुस्न से शर्माती है
चाँद भी अब बुझा सा लगता है
उसकी रौनक को तुने चुरा लिया जैसे
तेरी खुशबू मैं ऐसी है कशिश
जैसे उगते हुए सूरज की तपिश
हवा भी अब ना बलखाती है
तेरी जुल्फों से जलती हो जैसे
मेरी हालत है उस परवाने सी
शमा की आस किया करता है
लौ को देख मचलता है ऐसे
कोई बिछडा हुआ मिल गया जैसे
Rather than unnecessary lengthening this conversation I am keeping this note.. short , As I am assuming that you must have understood what I am talking about and if it is still not clear than let me say in one line ….how to take an exit from unhappy times some of the simple fundas that I always follow and I am sure will definitely work for you are…
LOOK AT SOME OLD PHOTOGRAPHS – My friends and family are sometimes too much irritated by my habit of carrying my camera with me even in shortest and weirdest of place when there is no opportunity for taking shots and I get to hear a lot of yelling for this, but I seriously love this habit of mine…because when I am sad I just sit with my laptop and browse old interesting photographs… somebody slipping, somebody in weird clothes , people sleeping …yawning…scratching…eating …mocking haa haaa ha haa haa haa what a good teasing and leg pulling stuffs they are and people run behind you pleading or shouting to delete them and then you can blackmail them for a chocolate or a treat
ना जलते हैं अंगारों से
साथी की नहीं हमें अभिलाषा
लिख दें खुद किस्मत की रेखा
Life in an alien country, no known faces around, my eyes were searching for
The beauty, and Lake district was the place I found……
Although slow but bizarre…..
देर से ही सही हमें समझ तो आई
व्यर्थ सॉफ्टवेर मैं ज़िन्दगी गंवाई
जब दूसरी पास बन सकता है मंत्री ........
क्यों हमने करी फिर इतनी पढाई .........
मेहनत का इसमें कोई काम नहीं है
इससे बड़ा कोई आराम नहीं है
ना अपना है पैसा ना अपनी पिसाई .......
जनता की पूँजी है लूट लो भाई ..........
क्यों ना हम भी बन जाएँ नाकारा
लगता है राजनीती ने हमको पुकारा
कुंजी सफलता की अब हमने पायी .......
सबकी बुराई पर है अपनी भलाई ...........
मरना भी अपना तो शान से होगा
जीना भी ऐश-ओ-आराम से होगा
करनी है हमको भी जम के कमाई .....
बन जाएँ नेता और कर दें तबाही ............
हम ने भी क्या क्या काम किये
हमने भी सारे जतन किये
ज़िन्दगी में खुशियों की घटा फिर से छायीं हैं
सैलाब कैसा ये हवाएं ले के आयीं हैं
मैं तो बिखर चुका था भंवर मैं अतीत के
ये बहारें कहाँ से मुझे समेट लायी हैं
ख़ाक मैं मिल जाने को हम तैयार थे लेकिन
चिता को बारिश की बूँदें बुझा आयीं हैं
इस डर से कि ना खो जाऊं फिर कहीं दुनिया कि भीड़ में
अपनों कि दुआएं मेरी पहचान लायीं हैं
जीने की तमन्ना थी, जो तुम साथ मैं लेकर चले गए
जो बात जुबां से कहनी थी आँखों से कह के चले गए
जब छोडा है मुझको तनहा तो ख़्वाबों मैं क्यूँ आते हो
दिन रात मेरी खामोशी का किसलिए मज़ाक उडाते हो
जो राज़ छुपाया था हमने तुम समाचार बनाके चले गए
हमने तोः पायी रुसवाई तुम नाम कमा कर चले गए
अपने दिल के बिखरे अरमान हमने अश्कों से धुलवाए हैं
तुम क्या समझो इस आलम को अपने भी काम ना आये हैं
जो हम से ताल्लुक रखते थे वो भी कतरा के चले गए
जीवन मैं अँधेरा छाया है उजाले तो कभी के चले गए