ज़ख्म जो मोहब्बत ने दिए थे... दोस्ती ने भरे हैं
हालात.. ये मेरे.. , मेरी समझ के परे हैं ......
शिकायत करूँ तो किस से?. वो क्या समझेंगे हाले दिल ...
की मेरे जान के पीछे ..... मेरे अपने ही पड़े हैं .......
हिम्मत नहीं... कि.. फिर किसी से दिल्लगी करें ..
बड़ी मुश्किलों से... दिल के ये घाव भरे हैं .....
तू कौन है ?.., कब था?.. मैंने सब भुला दिया
अब नयी मंजिलों की और मेरे पाँव बढे हैं .......
अफ्सुर्दगी मैं सराबोर, हूँ,.. मगर फिर भी
उम्मीद भी कायम है और हौसले भी बड़े हैं ....
once again a very inspiring posts!!! i think you should publicize your poetry more... people will love to read this!
tu tips de de naa...:)
Bahit badhiya.
Happy New Year to you.
HAPPY NEW YEAR....
just awsome yaar ...how can you do tht kind of poetry....you such a wonderfull allrounder u can shoot u can write ....i mean how u can ?
anyways shubham varsh par shubhkamnayen....!!
Jai Ho Mangalmay Ho
ha haa haa haa nothing gr8 bt it nyway HAPPY NEW YEAR TO U TOO
This gazal is awesome... each couplet is Ultimate!