हम उसकी तमन्ना करते हैं .............
ना इश्क मैं पूरे डूबे हैं
ना काम ही किया करते हैं .......................
क्या लोगों को समझाएं हम ?
जो खुद ना समझ मैं आई हैं
वो ओरों को बताया करते हैं .......................
ना काम ही किया करते हैं .......................
हम ने भी क्या क्या काम किये
हम ने भी क्या क्या काम किये
उनकी एक तमन्ना पर लाखों अरमां कुर्बान किये
अब उन लाखों अरमानों की
हम बैठ के गिनती करते हैं .......................
ना इश्क मैं पूरे डूबे हैं
ना काम ही किया करते हैं .......................
जब तुमने हमको सदायें दी
हम काम मैं ही मशगूल रहे
जो अब ना कभी फिर गूंजेंगी
उन आवाजों को पुकारा करते हैं .......................
ना काम ही किया करते हैं .....................
हमने भी सारे जतन किये
हमने भी सारे जतन किये
महफिल से मैखाने तक गए
जो ख़ाक मैं मिलकर भी ना बुझी
उस आग को ठंडा करते हैं ...................
ना काम ही किया करते हैं .......................
अपनी चढ़ती बीमारी का हमने
इस तरह इलाज़ किया
जिन पे था तुम्हारा नाम लिखा
उन पन्नो को जलाया करते हैं ..............
ना काम ही किया करते हैं .......................
arre waah!! thank you! thank you! meri pic ka yahaan bada sahi varnan kiya gaya hain lagta hain !! ki software engineer ki dukhiyaari zindagi ka ek lamha!!
wahhh kya baat hai sundar atisundar kahi na kahi apni si lagti hai....
JAi Ho Mangalmay Ho
उन आवाज़ों को पुकारा करते हैं...
कुछ ख़ास चहरे और ख़ास लम्हे ऐसे ही पुकारने को मजबूर किया करते हैं , बहुत खूब !!
क्या कहूँ.... प्रियंका जी.....
आपकी इन पंक्तियों को पढ़कर हम तो सिर्फ यही गुनगुना रहें हैं....
ना इश्क मैं पूरे डूबे हैं
ना काम ही किया करते हैं ..
सुन्दर रचना.... कहिये तो झुमा देने वाली.....
ek cheej aurv kahunga ye world verification hata dijiye.....
dikkate hoti hain logo ko......
software engineers ki zindagi to aisi hoti hai bhai..