कुछ पल हैं दोस्ती के साथ बिता ले
मेरी ख़ताओं कि इस तरह मुझ को ना सजा दे ...............
मेरे दोस्त, खुदा कि कबूली हुई दुआ है तू
साँसें हैं रवां जिस से ऐसी हवा है तू .............
तू साथ है , इसी एहसास से दम है
ऐसे तो दूर जाकर मुझ को ना सदा दे ..............
मेरी अघ्लात कि माफ़ी नहीं कोई
तुझ जैसा नेकदिल साथी नहीं कोई ...........
मैं खामोश हूँ मगर तू सुन रहा है सब
कैसे भुला दूं तुझको कोई वजह तो दे ..............
सितम मैंने बहुत ढाए तू ने आह भी ना करी
मेरी बेरुखी पे तूने शिकायत भी ना करी .................
तू फिक्रमंद है लेकिन मुझे ये डर है
मेरी खातिर कहीं तू अपनी , हस्ती मिटा ना दे ......................
(अघ्लात - जुर्म , गुनाह)
In most strange ways you touch people's heart....
Running short of words .....but would like to say "Koi bewakoof hi hoga jo tumse dosti na karna chahega."
Love u for wat u are.
wahaa DOst wahh aapke dost pass hai phir bhi kahan khoye ho ......thoda muskuraoooo
JAI HO Mangalmay Ho