हम उसकी तमन्ना करते हैं .............
ना इश्क मैं पूरे डूबे हैं
ना काम ही किया करते हैं .......................
अपनी यह कहानी किसको कहें ?
क्या लोगों को समझाएं हम ?
जो खुद ना समझ मैं आई हैं
वो ओरों को बताया करते हैं .......................
ना इश्क मैं पूरे डूबे हैं
ना काम ही किया करते हैं .......................
हम ने भी क्या क्या काम किये
उनकी एक तमन्ना पर लाखों अरमां कुर्बान किये
अब उन लाखों अरमानों की
हम बैठ के गिनती करते हैं .......................
ना इश्क मैं पूरे डूबे हैं
ना काम ही किया करते हैं .......................
जब तुमने हमको सदायें दी
हम काम मैं ही मशगूल रहे
जो अब ना कभी फिर गूंजेंगी
उन आवाजों को पुकारा करते हैं .......................
ना इश्क मैं पूरे डूबे हैं
ना काम ही किया करते हैं .....................
हमने भी सारे जतन किये
महफिल से मैखाने तक गए
जो ख़ाक मैं मिलकर भी ना बुझी
उस आग को ठंडा करते हैं ...................
ना इश्क मैं पूरे डूबे हैं
ना काम ही किया करते हैं .......................
अपनी चढ़ती बीमारी का हमने
इस तरह इलाज़ किया
जिन पे था तुम्हारा नाम लिखा
उन पन्नो को जलाया करते हैं ..............
ना इश्क मैं पूरे डूबे हैं
ना काम ही किया करते हैं .......................