बहुत मुश्किल है मोहब्बत में.……
कभी जीना कभी मरना। ....
बड़ी शिददत से देखना तुझे ....
फ़िर एक आह भर लेना।
तेरा वो जान बूझ कर …
मुझे नज़रअंदाज़ कर देना।
और मेरे दिल मैं सवालों के …
कई सैलाब उमड़ना।
तेरा.. मेरे बारे मैं सोच कर ....
वक़्त ... ज़ाया नहीं करना
और मेरा... कोई भी लम्हा …
तेरे बगैर.. ज़ाया नहीं होना।
वो तरस खा कर... कभी मेरी हालत पर …
तेरा अफ़सोस... कर लेना ।
वो हर बदलाव पर... तेरे …।
मेरा... चुपके से रो लेना।
बिना दुशवारियों के.. वो तेरा
मुझसे बढ़ा लेना फासले ....
मेरा... भुलाने की कश्मकश में भी …
तुझ ही को याद कर लेना।
शब्-ए -फ़रहत बिताना तेरा …
किन्हीं और बाँहों में
और मेरा रात भर एकटक ...
खाली... दीवार को तकना
बड़ा मुश्किल है मोहब्बत में ...
कभी जीना कभी मरना।
वो तेरा बच के निकल लेना ....
मेरा बर्बाद हो जाना।
शब्-ए -फ़रहत - nights of pleasure
0 Response for the "बहुत मुश्किल है....."
Post a Comment