यूँ तो कट जाएगी
ज़िन्दगी की .. ये डगर
तू जो मिल जाए ... अगर
होगा हसीन ... ये सफ़र
कुछ भी आता...नहीं
तेरे... सिवा ... मुझको नज़र
हो गया है... इस कदर
रूह पर.... तेरा असर
थाम लो जो .. हाथ तुम
फिर मुझे ... किसका है डर
तेरे ही दिल में रहूँ
नहीं चाहता .. कोई नगर
अब नहीं है .. कोई भी
ग़म मुझे .. ऐ हमसफ़र
जितनी भी खुशियाँ मिलें
कर दूँ सब .. तुझ पे नज़र ...
जब भी मांगूं... दुआ
हाथ अपने ..... जोड़ कर
में यही सजदा करूँ
चाहूं..... तुझे ही उम्र भर!